awaaz
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मंहगाई के प्रहार से,
आम जनता कर रही है चीत्कार,
चिंता दिखाती है सरकार,
पर उस का नहीं है मंहगाई कम करने का कोई विचार.
सब्सिडी हटा सरकार और बड़ा रही मंहगाई की मार,
जिस से हिला रहा आम जनता के जीवन का आधार,
सरकार के राज्य में फैले भ्रष्टाचार से मंहगाई कर गई आसमान पार,
जो छीन रहा गरीबो से रोटी का अधिकार,
सरकार के द्धारा किये गए मंहगाई के वार से,
आम जनता रो रही जार जार
सरकार का हर मंत्री भरने में लगा अपना घर बार,
आम जनता की परेशानी से उस को नहीं है कोई सरोकार,
न जाने मंहगाई अभी कितने और करेगी अत्याचार,
और सरकार कब होगी महगाई पर चिंतन को तैयार.
आम जनता अब तो हो गई लाचार,
पता नहीं कितना और रुलाएगी यह सरकार,
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