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घोटालो का ढेर

awaaz
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देश में नित नए घोटाले का खुलास हो रहा,
हर नया घोटला पहले से बड़ा हो रहा.

हर घोटाला रोज़ देश की बर्बादी की नई दास्तान लिख रहा,
आम जनता की थाली से दाल रोटी छीन रहा.

किसानो की जमीन छीन कोई अपना घर भर रहा,
कोई आदर्श सोसायटी निगल डकार नहीं ले रहा.

2 जी घोटाला कर राजा देश का दामाद बन मौज कर रहा,
राष्ट्रमण्डल खेल में कलमाड़ी देश की इज्ज़त बेच सम्मान पा रहा.

कोयले की दलाली कर कोई सफेदपोश बन घूम रहे,
लोहे की नीलामी मे कोई खुद को निर्दोष बता रहा.

ख़राब अस्त्र खरीद कोई देश की सुरक्षा में सेध लगा रहा,
आम जनता की सुविधा पर कोई अपनी सुविधा बढ़ा रहा.

पता नहीं देश अभी और कितना बिकने को बाकी रहा,
कौन सा मंत्री देश को लुटाने का नया तरीका खोज रहा.

देश के हर कोने में घोटालो का बोलबाला हो रहा,
फिर भी सरकार को भ्रष्टचार नहीं दिख रहा.

देश अपनी दुर्गति पर जार-जार रो रहा,
इतने पर भी हर आम और खास चादर तान सो रहा.

जोगो देशवासियो और अपने को सूरज की तरह बनाओ,
सूरज की तरह देश का अंधकार हटाओ,
घोटाले करने वाले हर मंत्री का नामो निशान मिटाओ,
देश का नाम चारो दिशाओ मे चमकाओ.

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