awaaz
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देश में तांडव नाच रही बर्बादी,
नेताओ ने नीलम कर दी खादी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी.
देश में आतंक मचा रहा भ्रष्टाचार बन आंधी,
महंगाई की मार की आम जनता हो गई आदी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी
देश में जूती से कुचली जाए आधी आबादी,
दहेज के नाम पर जाये हर बेटी रोधी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी.
देश में आतंकी हमलो से मानवता रोदी,
महजबी दंगो ने इन्सनित धो दी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी.
देश में भ्रष्टाचरिओं की हो रही चाँदी,
अपराधियों ने बेशर्मी है लादी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी.
देश में भूख ने त्राहि-त्राहि मचा दी,
कर्ज ने कितने किसानो की अर्थी उठा दी,
फिर भी हम कहें मिल गई हमे आजादी.
जागो और सोचो क्या मिली है हमे सच्ची आजादी,
अगर हाँ तो फिर रोज बनाओ जश्ने आजादी
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